मैं नए वर्ष में कोई संकल्प नहीं लूंगा
कल रात बिस्तर पर लेटे-लेटे सोच रहा था- क्या क्या करना है नए वर्ष में. क्या-क्या संकल्प लूं. बहुत सारे काम करने हैं. किसी परीक्षा में अच्छे अंक लाने हैं. अब से सबेरे उठना है. पढाई ज्यादा करनी है, कम्प्युटर कम इस्तेमाल करना है. कसरत करनी है. मेडिटेशन करना है. अपनों को थोडा ज्यादा समय देना है. कितने सारे काम हैं जो करने का मन है नए वर्ष में.. लिख लूं क्या सबको एक डायरी में? पर पिछले साल लिखा तो था, आज ही के दिन.. वो डायरी है ही, दुबारा क्यों लिखूं? नहीं.. नया लिखना जरूरी है, इस बार बिलकुल पूरा करना है संकल्प... यही सब सोचते सोचते नींद आ गयी थी... आप भी जरुर इन सब से गुजर रहे होंगे आजकल....
पर क्या कभी आपने सोचा है कि क्या संकल्प लेना जरूरी है? बिना संकल्प के हम कुछ नहीं कर सकते? एक किसान तो कभी संकल्प नहीं लेता... फिर भी पूरे साल जो काम करने होते हैं उन्हें नियमित समय पर करता है.. तो क्या हमें आदत हो गयी है अपने दोल और दिमाग को दवाब में रखने की.. जब तक दिमाग में तनाव न हो, काम नहीं होता.. पर तनाव लेकर भी काम कहाँ होता है? पिछले साल के कितने संकल्प पूरे किये.. एक-दो हो गए तो वो इसलिए नहीं कि आपने बड़ा संघर्ष किया उन्हें पूरा करने के लिए.. संकल्प न करते तो भी वो काम पूरे होते ही..
तो फिर क्यों न नए वर्ष को बिलकुल ‘नए’ की तरह की तरह शुरू किया जाए.. बिलकुल कोरे कागज़ की तरह.. जैसे ३६५ पृष्ठों की एक नयी किताब लिख रहे हों.. ये संकल्प लेना तो वही बात हुई कि किताब लिखना शुरू करने से पहले विषय-सूची वाला पेज तैयार कर लिया.. मन को खुली उड़ान क्यों नहीं भरने देते.. दुनिया में पहले से कम तनाव हैं? पर कुछ न कुछ तो करना ही होगा, सोचना ही होगा वर्ष के शुरू में... ऐसे मन ही नहीं मानेगा... तो सोचते हैं न! लेकिन कुछ अच्छा, जो मन को हल्का करे... जो दिलोदिमाग में खुशियाँ और सुकून के ठंढे झोंके की तरह आये और हमें संतृप्त कर दे.. जो हमें नयी उमंग और आशाओं के साथ नए वर्ष को शुरू करने की प्रेरणा दे.. तो आइये ऐसा ही कुछ सोचते हैं...
- इस बीते साल के सबसे ख़ूबसूरत पल को याद करें. कोइ ऐसा पल जब आपको ऐसा लगा हो कि काश वो लम्हा वहीं थम जाए. जब दिल खुशियों से तरंगोत हो गया हो. जैसे जब अचानक आपके बेटे या पिताजी ने आपसे कहा हो 'आई लव यू / आई एम प्राउड ऑफ यू' या जब आपको कोइ ऐसी खुशखबरी मिली हो जिसकी आपको उम्मीद न थी.. आँखें बंद करें और उस पल को फिर से जीने की कोशिश करें.
- उन लोगों के बारे में सोचें जिन्होंने इस वर्ष में आपको सहयोग या सहारा दिया हो. जो अच्छे-बुरे वक्त में आपके साथ रहें हों. आपके मित्र, ऑफिस के सहयोगी, परिवार वाले- कोइ भी जिसने आपको यह भरोसा दिलाया हो कि आप अकेले नहीं हैं. कोइ है जिसके साथ आप अपने आंसू बाँट सकते हैं, चाहे वो खुशी के हों या दुःख के. उनलोगों को दिल से धन्यवाद दें और भगवान का भी धन्यवाद करें कि उसने आपको ऐसे लोग दिए.
- उन अनजान लोगों के बारे में सोचें जो इस वर्ष आपसे पहली बार मिले और उन्होंने आपके जीवन को या आपके विचारों को प्रभावित किया. जो आपको अच्छे लगे. उनके उन अच्छे गुणों के बारे में सोचें जिससे आप प्रभावित हुए. ऐसे ही उन अनजान जगहों, दृश्यों और वस्तुओं के बारे में सोचें जिनसे आपने कुछ सीखा.
- इस साल के उन बुरेऔर दुखद क्षणों को भी याद करें जब आप बेहद बेचैन और दुखी थे.. सोचें कि उस बुरे समय का आपने किस तरह से सामना किया और किस तरह आज आप फिर पहले की तरह खुश हैं.
- उन विचारों, सपनों और द्वंदों को याद करें जिन्होंने वर्ष भर किसी न किसी वक्त आपको सोचने पर मजबूर किया. उनपर चिंतन करें.. सोचें कि उन सपनों को, उन विचारों को आप भूले नहीं हैं और जीवन में उचित समय आने पर आप उनपर कार्य अवश्य करेंगे.
- एक ऐसे स्थान को याद करें जहां आप बीते वर्ष में गए और जहां जाकर आपको बड़ी शान्ति का अनुभव हुआ. आप मन में सोचें कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस वर्ष मुझे उस स्थान पर एक बार फिर जाना है. ऐसे ही किसी किताब, संगीत अथवा फिल्म को याद करें जिसने आपको हार्दिक खुशी और सुकून दिया हो.
- बीते वर्ष की और भी कोइ चीज जिसके बारे में सोचना आपको खुशी या हिम्मत देता हो.
अंत में आप सभी को नववर्ष की ढेरों शुभकामनाएं. नववर्ष आपके और आपके सभी अपनों के लिए खुशियाँ और शान्ति लेकर आये ऐसी कामना है
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